First Trimester of Pregnancy- लक्षण, शिशु का विकास और जरूरी सावधानियां
1st Trimester of Pregnancy: Symptoms, Precautions, Baby Growth : प्रेग्नेंसी में तीन तिमाही होते हैं। हर तिमाही में लगभग 13 सप्ताह होते हैं। गर्भावस्था की पहली तिमाही महिलाओं के जीवन का सबसे अहम चरण होता है। इस दौरान उनके शरीर में कई नए बदलाव होते हैं। खासकर, जब एक महिला पहली बार मां बनती है, तो उसके इन बदलावों का पहली बार अहसास होता है।साथ ही, पहली तिमाही भ्रूण के सामान्य विकास के लिए भी बहुत जरूरी होती है।
अधिकतर महिलाओं को अपनी प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही का पता तब चलता है, जब 5 से 6 सप्ताह बीत जाते हैं। इस तिमाही में भ्रूण विकसित होने के लिए तैयार हो रहा होता है। इस दौरान बच्चे के शरीर के सभी अंग बनने शुरू हो जाते हैं। जैसे भी भ्रूण गर्भाशय की दीवार में प्रवेश करता है, उसका विकास होना शुरू हो जाता है।
ऐसे में महिलाओं को अपने शरीर में कई लक्षणों और बदलावों का सामना करना पड़ता है। इस लेख में हम इन्हीं के बारे में जानेंगे। साथ ही, प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में कौन-से टेस्ट करवाने चाहिए, इस दौरान शिशु का कितना विकास होता है, इन सबके बारे में भी पढ़ेंगे। आइए, फोर्टिस हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बंदना सोढ़ी से जानें-
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में लक्षण : 1st Trimester of Pregnancy: Symptoms, Precautions, Baby Growth
- मासिक धर्म या पीरियड्स बंद होना
- उल्टी या मतली
- जी मिचलाना
- स्तनों में दर्द होना
- स्तनों के आकार में वृद्धि
- थकान और कमजोरी महसूस होना
- पेट में दर्द होना
- पेट पर खिंचाव महसूस होना
- बार-बारमूड स्विंग्स होना
- पेट में गैस बनना
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में बदलाव : 1st Trimester of Pregnancy: Symptoms, Precautions, Baby Growth
- प्रेग्नेंसी की शुरुआत होते ही महिलाओं के मासिक धर्म होने बंद हो जाते हैं। जब पीरियड्स होने बंद होते हैं, तभी प्रेग्नेंसी की जांच की जाती है।
- इस दौरान महिलाओं के स्तनों का आकार बढ़ जाता है।
- पहली तिमाही में महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें उल्टी और जी मिचलाने जैसी समस्या हो सकती है।
- पहली तिमाही में महिलाओं को शारीरिक और मानसिक थकान हो सकती है।
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में शिशु का विकास : 1st Trimester of Pregnancy: Symptoms, Precautions, Baby Growth
प्रेग्नेंसी के पहले चार सप्ताह तक शिशु का निर्माण होता है। इसके बाद शिशु के अंगों के विकास की प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू होती है। इसमें शिशु के हृदय, श्वसन प्रणाली और मस्तिष्क बनने लगता है। इस दौरान शिशु की तंत्रिका ट्यूब तैयार होने लगती है। इससे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी बन जाती है। शिशु का पाचन तंत्र, हृदय और संचार प्रणाली बनने लगती है। आंखों और कानों का विकास होना भी शुरू हो जाता है। शिशु के हाथ और पैर दिखने लगते हैं। शिशु की हड्डियों का विकास होना शुरू हो जाता है। साथ ही जबड़े का भी तेजी से विकास होता है। इस दौरान शिशु 1.5 इंच लंबा हो जाता है।
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में सावधानियां : 1st Trimester of Pregnancy: Symptoms, Precautions, Baby Growth
- प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही के दौरान आपको कई सावधानियों को अपनाना जरूरी होता है।
- इस दौरान आपको नियमित जांच करवाती रहनी चाहिए।
- तीसरी तिमाही में भारी सामान उठाने से बचना चाहिए।
- इस दौरान आपको फास्ट फूड और जंक फूड खाने से बचना चाहिए।
- कैफीन, एल्कोहल और सॉफ्ट ड्रिंक से भी परहेज करना चाहिए।
- ज्यादा तला-भुना खाना खाने से बचें।
- जिम में हैवी सामान उठाकर एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए।
- रोजाना हल्के योगासन करें।
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में कौन-से टेस्ट करवाने चाहिए : 1st Trimester of Pregnancy: Symptoms, Precautions, Baby Growth
- प्रेग्नेंसी टेस्ट- गर्भावस्था की पुष्टि के लिए प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाना जरूरी होता है। कुछ लोग प्रेग्नेंसी किट की मदद से इस टेस्ट को कर लेते हैं, तो कुछ डॉक्टर से करवाते हैं।
- ब्लड टेस्ट- जैसे ही प्रेग्नेंसी की पुष्टि होती है, डॉक्टर हीमोग्लोबिन की जांच करवाने की सलाह देते हैं। इसके बाद ब्लड ग्रुप और आयरन के स्तर की जांच की जाती है।
- यूरिन टेस्ट- प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही के दौरान आपको यूरिन टेस्ट भी जरूर करवाना चाहिए। इससे संक्रमण और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में पता चल सकता है।
- अल्ट्रासाउंड- यह एक बहुत जरूरी टेस्ट होता है, जिसे पहली तिमाही में जरूर करवाना चाहिए। इससे शिशु के विकास का पता लगाया जा सकता है। साथ ही, गर्भाशय की स्थिति और आकार का भी पता चलता है।
- कम्प्लीट ब्लड काउंट (CBC)- प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में सीबीसी टेस्ट भी करवाना चाहिए।
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