Do Not Do These 4 Tasks in Pregnancy : प्रेग्नेंसी के दौरान एक महिला अपनी सेहत का काफी ख्याल रखती है, ताकि अपने स्वास्थ्य के साथ ही उसका शिशु भी सुरक्षित रहे और डिलीवरी में भी किसी तरह की दिक्कत न आए। लेकिन नॉर्मल डिलीवरी या आसानी से डिलीवरी होना सिर्फ हमारे हाथ में नहीं होता है। इसके पीछे उम्र और गर्भाशय ग्रीवा की अक्षमता जैसे कई कारक भी बड़ी भूमिका निभाते हैं।
लेकिन फिर भी कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हे करने से प्रीमेच्योर डिलीवरी होने की संभावनाओं को कम या ज्यादा किया जा सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसी चीजें बता रहे हैं जो एक्सपर्ट के मुताबिक प्रीमेच्योर डिलीवरी के चांस को बढ़ाती है। इसलिए इन्हें करने से बचें और प्रेग्नेंसी के दौरान किसी तरह की परेशान होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें और बात करें।
निपल्स को उत्तेजित करना
क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान एक महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। कई ऐसी चीजें भी होती हैं जो पहले कभी न हुई हो! जैसे कि इस दौरान महिलाओं को अपने निप्पल में खुजली हो सकती है या हल्का दवाब महसूस हो सकता हैं। रिप्रोडक्टिव मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के दौरान जब महिलाएं अपने निप्पल्स में खुजली करती हैं तो आपका शरीर ऑक्सीटोसिन नामक हॉर्मोन जारी करता है जो प्रीमेच्योर डिलीवरी का कारण बन सकता है।
पैरों की मालिश
गर्भावस्था में पैरों की मालिश करने से काफी सुकून मिलता है। एक्सपर्ट भी इस दौरान महिलाओं को पैरों की मालिश करने की सलाह देते हैं। लेकिन कई रिसर्च बताती हैं कि प्रेग्नेंसी में पैरों की मालिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे गर्भाशय सिकुड़ सकता है। जर्नल प्रैक्टिसिंग मिडवाइफ के एक अध्ययन के अनुसार पैरों, टखनों और पैरों में एक्यूप्रेशर बिंदु होते हैं जो प्रजनन प्रणाली से काफी हद तक जुड़े होते हैं। जब पैरों में मालिश की जाती है तो इन पर दबाव पड़ने से प्रीमेच्योर डिलीवरी हो सकती है।
हैवी एक्सरसाइज करना
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को एक्सपर्ट द्वारा बताई एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। इससे बॉडी फिट रहती है और महिला काफी रिलैक्स भी फील करती है। साथ ही इसे गेस्टेशनल डायबिटीज यानि कि गर्भकालीन मधुमेह का जोखिम भी कम होता है। हालांकि, इसके साथ ओवरबोर्ड जाना खतरनाक हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान किसी भी ज़ोरदार अभ्यास की कोशिश करना जो पेट पर दबाव डाल सकता है, उससे प्रीमेच्योर डिलीवरी का चांस रहता है। साथ ही इससे कई बार शिशु भी प्रभावित हो सकता है।
ओरल हाइजीन न रखना
जी हां, आपको यह सुनने में जरूर अजीब लग रहा होगा लेकिन आपकी ओरल हाइजीन का प्रीमेच्योर डिलीवरी से संबंध है। जब आप अपनी ओरल हेल्थ हाइजीन को मेनटेन नहीं रखते हैं जो आपकी बॉडी कुछ ऐसे हॉर्मोन्स रिलीज करती है जो ओरल इंफेक्शन होने के साथ ही प्रीमेच्योर डिलीवरी का कारण बन सकते हैं। दिल्ली की प्रसिद्ध डेंटिस्ट डॉक्टर मधु अग्रवाल कहती हैं कि ओरल इंफेक्शन, फिर चाहे वह कैविटी हो, सूजन हो, मसूड़ों से खून आना हो, मुंह के छाले हों या फिर दांतों में दर्द हो प्रीमेच्योर डिलीवरी के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसलिए जरूरी है कि समय समय पर अपने डेंटिस्ट से मिलकर चेकअप कराते रहें।
अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है,तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है,तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहे Jyoti Patrika से।
Read This Also : 5 Common Signs and Symptoms of a Healthy Pregnancy