9वें महीने गर्भावस्था के लक्षण, शिशु का विकास और सावधानियां
9th Month Pregnancy Symptoms, Baby-Growth And Precautions : प्रेग्नेंसी का नौवां महीना, प्रेग्नेंसी का आखिरी महीना होता है। इस महीने में शिशु का किसी भी समय जन्म हो सकता है। अधिकतर महिलाएं 38 से 42वें सप्ताह के बीच बच्चे को जन्म देती हैं। यानी प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में आपके घर पर नन्हा मेहमान आपके पास आ जाता है। इस महीने में महिलाएं बच्चे को जन्म देने को लेकर काफी उत्सुक रहती हैं। साथ ही, उनके मन में एक डर भी बना रहता है। इस महीने में भी महिलाओं को कई शारीरिक बदलावों का सामना करना पड़ता है। इस महीने में शिशु का विकास भी पूरी तरह से हो चुका होता है। लेकिन प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में महिलाओं को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। तो आइए, इस लेख में फोर्टिस हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बंदना सोढ़ी से जानते हैं-
प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में दिखने वाले लक्षण
- बार-बार पेशाब आना
- योनि से स्त्राव ज्यादा होना
- कमर और पीठ में दर्द
- त्वचा पर खुजली होना
- पेल्विक पर दबाव पड़ना
- पैरों और टखनों में सूजन
- सोने में मुश्किल होना
- सांस लेने में दिक्कत होना
- पेट पर खिंचाव के निशान दिखना
- अपच और कब्ज
प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में शरीर में होने वाले बदलाव
- इस महीने में आप थकावट महसूस कर सकती हैं।
- बैठने और लेटने के दौरान बेचैनी महसूस हो सकती है।
- ऊर्जा की कमी का अनुभव हो सकता है।
- इस महीने में शिशु पेल्विक एरिया के निचले हिस्से में आ जाता है। इसकी वजह सांस लेने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है।
- इस दौरान आपको प्रसव पीड़ा या डिलीवरी पेन हो सकता है।
- तेज पेट दर्द के साथ रक्तस्त्राव हो सकता है।
- ब्लड प्रेशर अचानक से बढ़ सकता है।
- नौवें महीने में प्रेग्नेंट महिला का वजन 11 किलो तक बढ़ सकता है।
- गर्भवती महिलाओं का श्रोणि भाग खुलने लगता है।
- इस दौरान तंत्रिका पर दबाव पड़ता है। इसकी वजह से पीठ में तेज दर्द उठ सकता है।
- इस महीने में महिलाओं के चलने के तरीके में बदलाव देखने को मिल सकता है।
प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में कौन-से टेस्ट करवाने चाहिए?
- इस महीने में आपको अपना वजन चेक करना चाहिए।
- ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की जांच करवानी चाहिए
- प्रोटीन की जांच के लिए यूरिन टेस्ट करवाएं।
- शिशु की दिल की धड़कनों की जांच करनी चाहिए।
- शिशु के आकार और स्थिति की भी जांच की जाती है।
- इस दौरान ब्लड काउंट भी चेक किया जाता है।
प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में भ्रूण का विकास
- प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में आपके बच्चे का पूरी तरह से विकास हो चुका होता है।
- इस महीने में शिशु जन्म के लिए तैयार हो जाता है।
- नौवें महीने में शिशु श्रोणि के निचले हिस्से में आ जाता है। इस दौरान शिशु सिर को नीचे की ओर ले लाता है।
- नौवें महीने में जब तक जन्म नहीं होता है, शिशु का वजन बढ़ता है।
- शिशु की कोहनियों, घुटनों और कंधों के आस-पास की चर्बी जमा होती है।
- नौवें महीने में शिशु 19 इंच लंबा हो जाता है। साथ ही, उसका वजन ढाई किलो के आसपास हो जाता है।
- इस महीने में शिशु की त्वचा गुलाबी और मुलायम हो जाती है।
प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में बरतें ये सावधानियां
- इस महीने में ज्यादातर प्रेग्नेंट महिलाएं डिलीवरी पेन को लेकर घबराती हैं, जिसकी वजह से वे तनाव में आ सकती है। लेकिन आपको बिल्कुल तनाव नहीं लेना चाहिए।
- इस महीने में जितना संभव हो, उतना आराम करें।
- प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में आपको ज्यादा काम करने से बचना चाहिए।
- नौवें महीने में पेट के बल सोने से बचें। साथ ही, नीचे की तरफ झुकने से भी बचना चाहिए।
- प्रेग्नेंसी के इस महीने में आपको भारी सामान उठाने से परहेज करना चाहिए।
- इस महीने में आपको ज्यादा थकान लग सकती है। ऐसे में ज्यादा देर खड़े रहने से बचें.
- आपको पीठ के बल भी नहीं सोना चाहिए। इससे रीढ़ पर भार पड़ सकता है और दर्द बढ़ सकता है। इस दौरान आपको करवट लेकर सोना चाहिए।
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