रंगों के त्योहार होली के बारे में जानें ये रोचक बातें
Know 7 These Interesting Things About Holi: होली हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है, यही वजह है कि इस पर्व के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं। होली का त्योहार जल्द ही आने वाला है। ऐसे में इन दिनों बाजार में एक अलग रौनक देखने को मिलती है। खाने-पीने से लेकर कपड़ों तक, लोग शॉपिंग में जुटे रहते हैं। घरों में पापड़ और गुजिया बनाने का काम शुरू कर दिया, लोग दूर शहर से अपने घर त्योहार मनाने के लिए आते हैं।
हर साल इस त्योहार को लेकर लोगों के मन में एक अलग उल्लास नजर आता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी इस त्योहार का इंतजार करते हैं और त्योहार के दिन आपस में मिलकर एंजॉय करते हैं। होली के बारे में आप में से ज्यादातर लोग काफी कुछ जानते हैं, मगर कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें होली के पीछे छुपी मान्यता और कहानी के विषय में ज्यादा जानकारी नहीं है।
कब मनाई जाती है होली: Know 7 These Interesting Things About Holi
होली का त्योहार हर साल वसंत ऋतु में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार होली फाल्गुन मास की मनाई जाती है। वहीं इंग्लिश कलेंडर की बात करें तो होली अधिकतर मार्च के महीने में मनाई जाती है, हालांकि कई बार फरवरी और अप्रैल के महीने में भी होली पड़ जाती है।
प्राचीन त्योहारों में से एक है होली: Know 7 These Interesting Things About Holi
होली भारत के प्राचीन त्योहारों में से एक है, जिसे होलिका, होली या होलाका नाम से अलग-अलग जगहों पर मनाया जाता है। वसंत के मौसम में मनाए जाने के कारण इस त्योहार को वसंतोत्सव और काम-महोत्सव भी कहा जाता है।
प्राचीन इतिहास से जुड़ा है यह त्योहार: Know 7 These Interesting Things About Holi
इतिहासकारों की मानें तो आर्यों के समय में इस त्योहार का प्रचलन था, मगर यह उस दौरान यह केवल भारत में ही मनाया जाता था। बता दें कि इस त्योहार का वर्णन अनेक पुरातन धार्मिक किताबों में भी मिलता है, जिससे पता चलता है कि लंबे समय से हमारी संस्कृति का हिस्सा है। नारद पुराण और भविष्य पुराण में भी इस त्योहार का उल्लेख मिलता है।
विंध्य क्षेत्र में रामगढ़ नामक स्थान पर करीब 300 साल पुराने अभिलेख मिले हैं, जिनमें होली में बारे में लिखा गया है। इतना ही नहीं संस्कृत भाषी कवियों ने भी होली का उल्लेख वसंतोत्सव नाम से अपनी कविताओं में बड़ी खूबसूरती से किया है।
चित्रों में मिलता है होली का उल्लेख: Know 7 These Interesting Things About Holi
प्राचीन चित्रों और मंदिर की दीवारों पर ही होली से जुड़ी खूबसूरत चित्रकारी देखने को मिलती हैं। विजयनगर की राजधानी हंपी में बने एक चित्र फलक पर होली के कई खूबसूरत चित्रों को उकेरा गया है। इन चित्रों में राजकुमारियों, राजकुमार और दासियों को आपस में होली खेलते दिखाया गया है। इतना ही नहीं अहमदनगर में बनी एक चित्र आकृति का विषय ही वसंत रागिनी है, जिसमें राजपरिवार में एक दंपत्ति बगीचे में झूला झूलता दिखाया गया है और उनके आसपास की दासियों को रंग में खेलते और हंसते-गाते दिखाया गया है।
कृष्ण और होली: Know 7 These Interesting Things About Holi
होली का जिक्र बिना श्री कृष्ण के अधूरा है। श्री कृष्ण के जन्म स्थान ब्रज में 16 दिन पहले से ही हर साल होली मनाई जाने लगती है, बरसाना की लट्ठमार होली को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इसमें महिलाएं मोटी बांस की लाठियों से पुरुषों को मारती हैं और बचाव में पुरुष उनपर पानी डालते हैं। अगर पुरुष अपने आपको नहीं बचा पाते हैं तो महिलाएं उन्हें अपनी तरह से साड़ी पहनाती हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण गोपियों से ऐसे ही हार मान लेते थे और उन्हें भी साड़ी पहनकर नाचना पड़ता था।
मुगलकाल में होली-
इतिहासकारों की मानें तो होली की प्राचीन परंपरा का विरोध कभी भी मुगल शासकों द्वारा नहीं किया गया। बल्कि कई ऐसे मुगल शासक रहे, जिन्होंने होली के त्योहार को और भी धूमधाम से आयोजित किया है। अकबर, हुमायूं, जहांगीर और शाहजहां ऐसे मुगल शासक थे, जो महीनों पहले से ही रंगोत्सव की तैयारियां शुरू करवा देते थे।
इतिहासकारों की मानें तो होली के दिन अकबर के दरबार में खासी धूम देखने को मिलती थी। अकबर के महल में उन दिनों सोने और चांदी के बर्तनों में केसर की मदद से रंग तैयार किए जाते थे, जिसके साथ राजा अपनी बेगमों और हरम की महिलाओं के साथ होली खेला करते थे। शाम को दरबार में कव्वाली और मुशायरे का आयोजन किया जाता था, जहां लोग पाव इलायची और ठंडाई के साथ मेहमानों का स्वागत करते थे।
मुगल काल में होली को ईद गुलाबी के नाम से भी जाना जाता था। बता दें कि जहांगीर के शासन में होली पर महफिल-ए-होली का कार्यक्रम किया जाता था। इस दिन राज्य के आम नागरिक भी राजा के ऊपर रंग डालकर होली खेल सकते थे। वहीं जहांगीर के बेटे शाहजहां इस त्योहार को ईद गुलाबी त्योहार के रूप में मनाते थे।
बहादुर शाह जफर के शासनकाल में होली-
आखिरी मुगल बादशाह कहे जाने वाले बहादुर शाह जफर के समय की होली भी बेहद खास होती थी। इतिहासकारों की मानें तो खुद बहादुर शाह जफर भी होली खेलने के बेहद शौकीन थे और होली को लेकर उनकी लिखी एक काव्य रचना को आज तक सराहा जाता था। मुगल काल में होली के बड़े ही खूबसूरत किस्सों का विवरण मिलता है। जहां बादशाहों और उनकी बेगमों के बीच होली खेलने का विवरण मिलता है।
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