Know The Rights To Repair Electric Items 2023
Know The Rights To Repair Electric Items 2023: आज जरूरत की खबर की शुरुआत कुछ सवाल से करते हैं…

इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे, फ्रिज, टीवी, मोबाइल, लैपटॉप खरीदने से पहले आप किन बातों का ध्यान रखते हैं? (Know The Rights To Repair Electric Items 2023)

  • प्रोडक्ट का रिव्यू
  • वारंटी और गारंटी
  • सर्विस सेंटर
  • कस्टमर केयर

इन सब बातों को चेक करने के बाद अगर आपने कोई प्रोडक्ट खरीद लिया और कुछ दिनों के बाद वो खराब हो जाए तब आप क्या करते हैं? (Know The Rights To Repair Electric Items 2023)

अगर वारंटी है तो प्रोडक्ट सर्विस सेंटर में ले जाकर रिपेयर करवाते हैं, सही हो गया तो ठीक, वर्ना एक बार लोकल मार्केट में उसे रिपेयर करवाने की कोशिश करेंगे।

अगर सर्विस सेंटर वाले ने रिपेयर से मना कर दिया या फिर आपको यह कंविंस कर दिया कि यह प्रोडक्ट अब नहीं बन पाएगा, इसे रिप्लेस कर दें। तब आप क्या करते हैं?

क्या करेंगे, प्रोडक्ट को रिप्लेस करने की सोचेंगे। नया प्रोडक्ट खरीदेंगे।

रुक जाएं, अब आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है। ग्राहकों को ऐसी सिचुएशन से बचाने के लिए भारत सरकार ने हाल ही में राइट टु रिपेयर पोर्टल को लाइव किया है।

जिसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है। आइए जानते हैं कि आम पब्लिक को इससे क्या फायदा होगा।

सवाल: क्या है ये राइट टु रिपेयर पोर्टल?
जवाब:
 मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन ने राइट टू रिपेयर पोर्टल बनाया है।

इस पोर्टल का मकसद कंज्यूमर यानी ग्राहकों को किसी भी प्रोडक्ट के रिपेयर से जुड़ी जानकारी देना है। यानी इस पोर्टल से आप खराब मोबाइल फोन, बाइक, वॉशिंग मशीन के पुराने से पुराने पार्ट के बारे में पता कर सकते हैं।

कंपनी सर्विस सेंटर वाले प्रोडक्ट का पार्ट नहीं मिल रहा है, फलां प्रोडक्ट बनना बंद हो गया, उसकी मरम्मत अब नहीं हो सकती और स्पेयर पार्ट नहीं मिलेगा ये बहाने बनाकर कंज्यूमर को टाल नहीं सकते हैं।

कंपनियां किसी प्रोडक्ट को बनाने के लिए कस्टमर्स से एक्स्ट्रा पैसे भी वसूल नहीं पाएंगी।कुल मिलाकर इसमें रिपेयर और सर्विस से जुड़े तमाम अधिकार मौजूद है।

सवाल: ये राइट टु रिपेयर पॉलिसी क्या है?
जवाब:
 
बीते कुछ सालों से कंपनियां जान-बूझकर ऐसे प्रोडक्ट बना रही हैं जो ज्यादा समय तक नहीं चले। मतलब कि कुछ महीने या कुछ साल चलकर खराब हो जा रहे हैं।

जब प्रोडक्ट खराब हो जाएगा तो कस्टमर उसे रिपेयर करवाने की कोशिश करेगा।अगर प्रोडक्ट के पार्ट्स नहीं मिलेंगे तो उसे फिर से नया प्रोडक्ट खरीदना पड़ेगा। इससे कंपनी का बिजनेस तेजी से आगे बढ़ेगा और कंपनियों को प्रॉफिट होगा।

इन कंडीशन में लोगों की मेहनत की कमाई खराब होती है और प्रोडक्ट से जुड़ी उनकी फीलिंग्स भी हर्ट होती हैं। साथ ही ई-कचरे से पर्यावरण को नुकसान होता है।

दुनिया के कई देशों ने इस बात को समझा और कंपनियों पर अच्छे प्रोडक्ट बनाने का प्रेशर भी डाला है। जिसके चलते कई देशों ने राइट टू रिपेयर पॉलिसी लागू की।

सवाल: इसे लॉन्च करने के पीछे क्या वजह है?
जवाब: 
हर घर में कुछ न कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामान होता है। उसे रिपेयर कराने के लिए आप सर्विस सेंटर, लोकल रिपेयरिंग शॉप पर जाते हैं।कई बार तो इन जगहों पर जाने से प्रोडक्ट सही हो जाता है। तो कई बार हम बेवकूफ बन जाते हैंI सर्विस सेंटर वाला या रिपेयर करने वाला आपके समान को बेकार बता देता है।

इसके बाद हम नए प्रोडक्ट खरीदते हैं और पुराना प्रोडक्ट ई-कचरा बन जाता है।ऐसे में कस्टमर को बेवकूफ बनने से बचने और ई-कचरा कम करने के लिए सरकार ने इस पोर्टल को राइट टू रिपेयर पॉलिसी के तहत लॉन्च किया है।

सवाल: किन देशों में है राइट टु रिपेयर पॉलिसी?
जवाब:
 अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ पहले ही इसे लागू कर चुके हैं।

राइट टु रिपेयर पोर्टल का यूज करने का प्रोसेस

  • राइट टु रिपेयर पोर्टल के लिए क्लिक करें।
  • पोर्टल के होमपेज पर अलग-अलग प्रोडक्ट सेक्टर दिए गए हैं।
  • जिस प्रोडक्ट के रिपेयर की जानकारी चाहिए, उस पर जा सकते हैं।
  • कस्टमर केयर से बात करने का भी ऑप्शन मौजूद हैं।

सवाल: इस पोर्टल के तहत किस ब्रांड के सामान रिपेयर करा सकते हैं?
जवाब: 
सरकार के राइट टू रिपेयर पोर्टल पर कई कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। यहां इनके पुराने से पुराने पार्ट आसानी से मिल जाएंगे। जहां से खरीद तो सकते ही हैं और उनकी कॉस्ट के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं।

सवाल: इस पोर्टल से जो भी ब्रांड जुड़े हुए हैं उसके किसी भी मॉडल की रिपेयरिंग हो सकती है?
जवाब:
 ऐसा संभव है। इसे सैमसंग मोबाइल फोन के उदाहरण से समझते हैं…

  • होमपेज पर मौजूद प्रोडक्ट सेगमेंट में जाकर सैमसंग पर क्लिक करें।
  • वहां गैलेक्सी S23/S23+, गैलेक्सी Z और गैलेक्सी A की लिस्टिंग की गई है।
  • अगर आप गैलेक्सी A के ऑप्शन पर क्लिक करते हैं, तो आपको बेसिक इंफॉर्मेशन सेक्शन के तहत प्रोडक्ट डिटेल और रजिस्ट्रेशन के लिए क्लिक लिंक दिखेगा। इस पर क्लिक करें।
  • क्लिक करने के बाद एक नया फॉर्म खुलेगा, जहां खुद की डिटेल भरें या Gmail ID से लॉग इन करें।
  • इस तरह आपका अकाउंट क्रिएट होगा।
  • अब एक नया पेज रजिस्टर योर प्रोडक्ट ओपन होगा।
  • इसमें आपको वो प्रोडक्ट चुनना होगा, जिसमें प्रॉब्लम है।
  • इसके बाद उस प्रोडक्ट का सीरियल नंबर डालें।
  • ये वैरिफाई होगा, तभी प्रोसेस आगे बढ़ेगा।
  • इसके बाद मॉडल कोड डालकर रजिस्टर पर क्लिक करें।
  • एप्लिकेशन रजिस्टर होने के बाद आपको कस्टमर सपोर्ट की डिटेल मिल जाएगी।
  • जिससे आप अपने प्रोडक्ट से रिलेटेड जानकारी पता कर सकते हैं।

अभी यह नया है इसलिए कुछ ही ​ब्रांड जुड़े हैं, धीरे-धीरे सारे सारे बड़े ब्रांड्स जोड़ दिए जाएंगेI

सवाल: कई बार हम लोग किसी प्रोडक्ट को लोकल मार्केट के मैकेनिक या इंजीनियर से बनवा लेते हैं, प्रोडक्ट वारंटी में भी है। ऐसे में कंपनी सर्विस सेंटर उसे रिपेयर करने से मना कर देती है, ऐसे प्रोडक्ट की भी मरम्मत क्या राइट टु रिपेयर के आधार पर हो सकती है?
जवाब:
 प्रोडक्ट कहीं भी आपने पहले बनवाया हो, अगर वो वारंटी पीरियड में है तब कंपनी इसे रिपेयर करने से मना नहीं कर सकती।

सवाल: क्या राइट टु रिपेयर पोर्टल पर चीजें फ्री में रिपेयर कराई जा सकती है?
जवाब:
 
अगर आपके प्रोडक्ट की वारंटी है तो उस हिसाब से आप अपने प्रोडक्ट की रिपेयरिंग करवा सकते हैं।

अगर वारंटी की डेट खत्म हो गई है तब आपको मरम्मत करवाने के लिए पैसे देने होंगे।

सवाल: कई बार हम लोग किसी प्रोडक्ट को लोकल मार्केट के मैकेनिक या इंजीनियर से बनवा लेते हैं, प्रोडक्ट वारंटी में भी है। ऐसे में कंपनी सर्विस सेंटर उसे रिपेयर करने से मना कर देती है, ऐसे प्रोडक्ट की भी मरम्मत क्या राइट टु रिपेयर के आधार पर हो सकती है?
जवाब:
 
प्रोडक्ट कहीं भी आपने पहले बनवाया हो, अगर वो वारंटी पीरियड में है तब कंपनी इसे रिपेयर करने से मना नहीं कर सकती।

सवाल: राइट टु रिपेयर पोर्टल में जाने के बाद भी प्रॉब्लम दूर न हो, तो शिकायत कैसे करें?
जवाब:
 इसके लिए भी आपको पोर्टल पर ही जाना होगा। इसका प्रोसेस नीचे लिख रहे हैं…

  • सबसे पहले राइट टु रिपेयर पोर्टल पर जाएं।
  • होमपेज पर इंपॉर्टेंट लिंक के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • इसके बाद नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • अब आपका प्रोडक्ट टाइप क्या है, उसे सिलेक्ट करें।
  • इसके बाद अब स्क्रीन पर कम्प्लेंट फॉर्म खुल जाएगा।
  • फॉर्म में जरूरी डिटेल जैसे अपना नाम, ईमेल ID, पता, फोन नंबर भरें।
  • जिस राज्य के लिए आप शिकायत दर्ज करा रहे हैं उसे चुनें।
  • अब आपकी शिकायत किस बारे में है, ये लिखें।
  • जो प्रॉब्लम है उसका प्रूफ अटैच करें।
  • लास्ट में शिकायत करने के लिए सबमिट बटन पर क्लिक करें।
  • शिकायत सफलतापूर्वक सबमिट कर दी जाएगी।
  • अब ट्रैकिंग नंबर के साथ एक कन्फर्मेशन ईमेल आपके पास आएगी।
  • जिस पर आप शिकायत का स्टेटस देख सकते हैं।

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