Sattu Benefits, Uses and Side Effects 2023
Sattu Benefits, Uses and Side Effects 2023: सत्तू से आप सभी परिचित होंगे। भूने हुए चने या जौ का सत्तू। सत्तू का शरबत चाहे मीठा हो या नमकीन, टेस्टी तो होता ही है यह तेज गर्मी में भी पेट को ठंडक देता है। एनर्जी बूस्टर होने के चलते इसे देसी हॉरलिक्स कहा जाता है। सैकड़ों सालों से बिहार, पंजाब, मध्यप्रदेश, यूपी और पश्चिम बंगाल में सत्तू का सेवन किया जाता रहा है। आज कोल्डड्रिंक युग में भी सत्तू का महत्व कम नहीं हुआ है।

आज सूपरफूड सत्तू के फायदे जानते हैं।

सुबह सत्तू पिएं, दिन में खाएं: Sattu Benefits, Uses and Side Effects 2023

Sattu Benefits, Uses and Side Effects 2023

गर्मियों के दिन हैं। सड़क किनारे ठेले पर सत्तू के शरबत मिल जाएंगे। घर पर इसे आसानी से तैयार किया जाता है। डाइटीशियन डॉ. विजयश्री प्रसाद बताती हैं कि सुबह खाली पेट सत्तू पीना सबसे फायदेमंद होता है। पहला कारण यह है कि इससे ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है। सत्तू में फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स भी भरपूर होते हैं। इनसे ब्लड शुगर को रेगुलेट करने में मदद मिलती है। इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम की भी मात्रा अधिक होती है। आयरन भी भरपूर है इसलिए जिन्हें खून की कमी है उन्हें सत्तू पीना चाहिए।

Sattu Benefits, Uses and Side Effects 2023

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. दीक्षा भावसार बताती हैं कि सत्तू को समर ड्रिंक भी कहा गया है। सुबह खाली पेट पीने से पेट ठंडा रहता है। खासकर यदि गर्मियों में आप बाहर निकलते हैं तो सत्तू लू से बचाता है। इससे डाइजेशन भी सही रहता है। कई लोग दिन में इसे आटे की तरह गूंथ कर चटनी के साथ खाते हैं। इससे शरीर को एनर्जी मिलती है। पेट भरा रहने का अहसास होता है।

गर्मियों में डिहाइड्रेशन की समस्या अधिक होती है। उल्टी, थकान, मतली जैसी चीजें देखने को मिलती हैं। सत्तू पीने से इससे निजात मिलती है।

सत्तू पीने के क्या हैं फायदे: Sattu Benefits, Uses and Side Effects 2023

डिहाइड्रेशन करे दूर

सत्तू की तासीर ठंडी होती है जिससे गर्मियों में इसका सेवन करने से लू और डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती. सत्तू का शरबत पीने से पेट और शरीर ठंडा रहता है.

एनर्जी करे बूस्‍ट

शरीर में तुरंत एनर्जी चाहिए तो आप सत्तू का शर्बत पिएं. सत्तू का शरबत एनर्जी को तुरंत बूस्ट करता है. तीखी धूप और पसीने से अगर आप थका हुआ महसूस करें तो सत्तू का सेवन करें.

मोटापा करे दूर

सत्‍तू में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है. जिस वजह से भूख नहीं लगती और वजन को कम करने में मदद मिलती है

डायजेशन के लिए अच्‍छा

अगर आपको डायजेशन की समस्‍या रहती है तो आप सत्तू को डाइट में शामिल करें. सत्तू में मौजूद फाइबर गट की समस्‍या और कब्ज से निजात दिलाने में काफी मदद करता है.

डायबिटीज में फायदेमंद

चना या जौ का बना सत्‍तू डायबिटीज में भी काफी फायदेमंद माना जाता है. आप इसमें चीनी की बजाय नमक मिलाकर इसे किसी भी समय सेवन कर सकते हैं.

शरीर को रखे ठंडा

गर्मी के मौसम में सत्‍तू के सेवन से शरीर को ठंडा रखा जा सकता है. ऐसे में आप लू लगने से बचने के लिए रोज सत्‍तू का सेवन कर सकते हैं.

भूख बढ़ाए

शोधों में पाया गया है कि सत्‍तू में मौजूद पोटैशियम और मैग्‍नीशियम ऐपेटाइज इंप्रूव होता है. ऐसे में अगर आपको भूख ना लगने की समस्‍या है तो आप सत्‍तू का नियमित सेवन करें.

आंखों को मिलती है राहत

गर्मियों में आखों में जलन, आंखें लाल होने, इचिंग, ड्राईनेस की शिकायत होती है। सत्तू को पानी में घोल कर पीने से इन तकलीफों से राहत मिलती है।

गले को आराम

जिन्हें गले में खराश, गले के भीतर दाने होने और कुछ भी निगलने में तकलीफ हो, उन्हें सत्तू का शरबत पीना चाहिए।

सत्तू के नुकसान: Sattu Benefits, Uses and Side Effects 2023

पेट में गैस होने पर

सत्तू में फाइबर की अधिकता होती है। एक 1 कप सत्तू में करीब 10 ग्राम फाइबर होता है। वैसे तो यह पाचन को बेहतर बनाता है। लेकिन अधिक मात्रा में सत्तू पीने से पेट में गैस बन सकती है। यह पाचन तंत्र पर असर डाल सकता है। इसलिए जिन लोगों पहले से ही पेट में गैस, अपच की समस्या है उन्हें सत्तू का सेवन करने से बचना चाहिए।

या फिर कम मात्रा में ही सत्तू पीना चाहिए। जिन लोगों को गैस के साथ ही कब्ज की समस्या भी रहती है, उन्हें भी चने और जौ के सत्तू से बचना चाहिए।

पथरी

अगर आपको पथरी की समस्या है, तो भूलकर भी सत्तू का सेवन न करें। दरअसल, पथरी की समस्या में सत्तू खाना काफी हानिकारक हो सकता है, क्योंकि यह इस समस्या को और भी ज्यादा बढ़ा सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप पथरी होने पर सत्तू से दूर ही रहें।

वात दोष

ठंडी तासीर होने की वजह से सत्तू का सेवन वात दोष वालों के लिए भी काफी नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल, इसकी तासीर ठंडी होता है, ऐसे में इसे खाने या पीने की वजह वात दोष की समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है।

एलर्जी

कई लोगों को चना पचाने में मुश्किल होती है। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें चना या सत्तू से एलर्जी होती है। ऐसे में सत्तू का सेवन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए अगर आपको इससे एलर्जी है, तो इसके सेवन से बचे रहे।

ठंडी चीजें खाने से मना होने पर

जिन लोगों को हड्डियां में दर्द या वात से जुड़ी कोई समस्या रहती है, उन्हें अक्सर ठंडी चीजों से परहेज करने की सलाह दी जाती है। अगर आपको डॉक्टर से ठंडी चीजें खाने से मना किया है, तो सत्तू का सेवन करने से भी बचें। क्योंकि सत्तू ठंडा होता है, इससे शरीर को ठंडक मिलती है।

सत्तू के पौष्टिक तत्व: Sattu Benefits, Uses and Side Effects 2023 

सत्तू में कई पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत, त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। इसके अलावा, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज, मैग्नीशियम और सोडियम भी सत्तू में होते हैं। इन पोषक तत्वों के अलावा हम नीचे टेबल के माध्यम से सत्तू में मौजूद अन्य न्यूट्रिएंट्स के बारे में बता रहे हैं

सत्तू के पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम
प्रोटीन 20.6%
फैट 7.2%
फाइबर 1.35%
ऐश 2.7%
कैलोरी 406 Kcal
 मॉइश्चर 2.95%
कार्बोहाइड्रेट 65.2%

कैसे बनाएं सत्तू ड्रिंक: Sattu Benefits, Uses and Side Effects 2023

सत्तू का नमकीन ड्रिंक बनाने के लिए आपको सत्तू 3-4 बड़ा चम्मच, पानी एक गिलास, काला नमक स्वादानुसार, भुना हुआ जीरा पाउडर एक चौथाई बड़ा चम्मच और 1 बड़ा चम्मच नींबू का रस चाहिए. पानी में सत्तू डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें. अब इसमें जीरा पाउडर, काला नमक और नींबू का रस डाल दें और मिक्स करके इसका सेवन करें. ये हेल्दी ड्रिंक आपके पेट को कूल रखने के साथ ही पाचन तंत्र को दुरुस्त रखेगा. लू, डिहाइड्रेशन से भी बचाएगा. साथ ही सेहत को कई अन्य लाभ भी होंगे.

क्या रात में सत्तू पीना या खाना चाहिए?

सत्तू में हाई प्रोटीन होता है। इसमें और भी कई न्यूट्रिएंंट्स होते हैं। कई बार अनजाने में लोग रात में भी सत्तू का शरबत पी लेते हैं या सत्तू खा लेते हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. डिंपल के अनुसार, सत्तू की तासीर ठंडी होती है इसलिए रात में सत्तू नहीं पीना या खाना चाहिए। इससे अपच होती है। पेट में एसिडिटी बनने लगती है। सुबह सिर दर्द और जुकाम भी हो सकता है।

कितने तरह के सत्तू खाए जा सकते हैं?

Sattu Benefits, Uses and Side Effects 2023

चने का सत्तू ही नहीं, गेहू, बार्ली और जौ का भी सत्तू आसानी से बाजार में मिल जाता है। बिहार, झारखंड और यूपी में चने का सत्तू ज्यादा खाया जाता है जबकि पंजाब में बार्ली और जौ का सत्तू खाया जाता है। सभी तरह के सत्तू में प्रोटीन और फाइबर की अधिक मात्रा होती है। पंजाब में जौ के सत्तू को पानी में घोलकर, उसमें नींबू का रस मिलाकर लिया जाता है।

ग्लूटन अधिक होने से आंतों को नुकसान

चना या जौ को भून कर सत्तू पाउडर बनाया जाता है। लेकिन यह ग्लूटन फ्री नहीं होता। ग्लूटन एक तरह का प्रोटीन है जो गेहूं, जौ, राई में पाया जाता है। जो लोग ग्लूटन सेंसेटिव होते हैं या जिन्हें सेलिएक बीमारी होती है उन्हें सत्तू खाने से परहेज करना चाहिए।

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