22 अप्रैल से यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ यात्रा शुरू:चारधाम का रूटमैप, रजिस्ट्रेशन के 5 तरीके; जरूरी सामानों की लिस्ट चेक करें
आज जरूरत की खबर में इस तीर्थ यात्रा से जुड़ी सारी जानकारी देंगे, रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद क्या जरूरी तैयारी आपको अभी से ही कर लेनी चाहिए इस पर भी बात करेंगे।
सवाल: चारधाम यात्रा कौन-कौन से हैं?
जवाब: उत्तराखंड के चारधाम में-
- यमुनोत्री
- गंगोत्री
- केदारनाथ
- बद्रीनाथ
इसे छोटा चारधाम यात्रा के नाम से भी जाना जाता है।
सवाल: ये धाम किस भगवान के हैं?
जवाब: उत्तराखंड के चार धाम मंदिर इन भगवानों को समर्पित हैं-
- यमुनोत्री- देवी यमुना
- गंगोत्री- देवी गंगा
- केदारनाथ- भगवान शिव
- बद्रीनाथ- भगवान विष्णु
नोट: ये सभी मंदिर उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित हैं।
सवाल: तो फिर भारत के चारधाम अलग हैं, वो कौन से हैं?
जवाब: जी हां, भारत के चारधाम उत्तराखंड से अलग हैं। वो हैं…
- उत्तराखंड में बद्रीनाथ
- गुजरात में द्वारका
- तमिलनाडु में रामेश्वरम
- उड़ीसा में जगन्नाथ पुरी
सवाल: उत्तराखंड के चारधाम के कपाट कब खुल रहे हैं
जवाब: चारधाम के कपाट इस साल खुलने की तारीख कुछ इस तरह से है…
- यमुनोत्री- 22 अप्रैल 2023
- गंगोत्री- 22 अप्रैल 2023
- केदारनाथ- 25 अप्रैल 2023
- बद्रीनाथ- 27 अप्रैल 2023
सवाल: चारधाम की शुरुआत कहां से होती है और वहां तक पहुंचने का रास्ता क्या है?
जवाब: पारंपरिक तौर से चारधाम यात्रा पश्चिम से पूर्व की तरफ की जाती है। इसका मतलब यह यमुनोत्री से शुरू होती है। इसके बाद गंगोत्री, केदारनाथ और फिर बद्रीनाथ में यात्रा पूरी होती है। चारधाम की कुल यात्रा 1,607 किलोमीटर की है।
इस यात्रा की शुरुआत हरिद्वार या ऋषिकेश में गंगास्नान करने के बाद होती है।
अब चारधाम यात्रा का रोड मैप और उससे जुड़ी जानकारी जानते हैं…
आपकी सुविधा के लिए हम अलग-अलग रोड मैप दे रहे हैं ताकि जिन्हें चारधाम यात्रा में से किसी एक या दो धाम की भी यात्रा करनी है वो आसानी से जा सकते हैं।
यात्रा शुरू करने का पॉइंट हमने जान-बूझकर देश की राजधानी दिल्ली चुना है क्योंकि यहां से कनेक्टिविटी अच्छी है। इसके साथ जो लोग पहली बार जा रहे हैं उन्हें रूट समझने में भी दिल्ली से आसानी होगी।
यमुनोत्री:Yamunotri, Gangotri, Kedarnath and Badrinath Yatra begins from April 22
उत्तराखंड के गढ़वाल का सबसे पश्चिमी मंदिर यमुनोत्री है। यमुनोत्री यमुना नदी का उद्गम स्थल है। यह देवी यमुना मंदिर और जानकी चट्टी के पवित्र तापीय झरनों के लिए जाना जाता है। यमुना मंदिर का निर्माण टिहरी गढ़वाल के महाराजा प्रताप शाह ने करवाया था।
फेमस जगह और मंदिर: यमुनोत्री मंदिर, सप्तऋषि कुंड, सूर्य कुंड, दिव्य शिला, हनुमानचट्टी, खरसाली।
गंगोत्री:Yamunotri, Gangotri, Kedarnath and Badrinath Yatra begins from April 22
उत्तरकाशी में समुद्र तल से 3200 मीटर की ऊंचाई पर गंगोत्री है। यहां पवित्र नदी गंगा का मंदिर है। जहां लोग स्नान के बाद दर्शन करते हैं।
फेमस जगह और मंदिर: भोजबासा, गंगनानी, केदारताल, गौमुख, गंगोत्री मंदिर, भैरोंघाटी, जलमग्न शिवलिंग, तपोवन।
केदारनाथ:Yamunotri, Gangotri, Kedarnath and Badrinath Yatra begins from April 22
भगवान शिव का मंदिर केदारनाथ में है। यह समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां मंदाकिनी नदी है। केदारनाथ धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
फेमस जगह और मंदिर: गांधी सरोवर, फाटा, सोन प्रयाग, त्रियुगी नारायण मंदिर, चंद्रपुरी, कालीमठ, वासुकी ताल, शंकराचार्य समाधि, गौरीकुंड।
बद्रीनाथ:Yamunotri, Gangotri, Kedarnath and Badrinath Yatra begins from April 22
बद्रीनाथ अलकनंदा नदी के बाएं से समुद्र तल से 3133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां भगवान विष्णु का मंदिर है।
फेमस जगह और मंदिर: पांडुकेश्वर, योगध्यान बद्री मंदिर, माणा गांव, सतोपंथ झील, तप्त कुंड, नीलकंठ शिखर, चरण पादुका, माता मूर्ति मंदिर, नारद कुंड, भीम पुल, गणेश गुफा, ब्रह्म कपाल, शेषनेत्र, व्यास गुफा आदि।
सवाल: अब जिन्हें चारधाम यात्रा एक साथ करनी है, उनके पास क्या ऑप्शन है?
जवाब: ये लोग भी दिल्ली से हरिद्वार होते हुए बड़कोट, यमुनोत्री, उत्तरकाशी से गंगोत्री पहुंच सकते हैं। इसके बाद गंगोत्री से गुप्तकाशी होते हुए केदारनाथ, बद्रीनाथ पहुंच सकते हैं।
रूटमैप समझने के बाद इस यात्रा से जुड़े A टू Z सवालों का जवाब एक-एक कर जानते हैं…
सवाल: क्या हम बिना रजिस्ट्रेशन के चारधाम यात्रा कर सकते हैं?
जवाब: नहीं। रजिस्ट्रेशन कराना बहुत जरूरी है। साथ ही अगर आप हेलीकॉप्टर से जाना चाहते हैं, तो इसके लिए भी पहले आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
सवाल: इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी क्यों हैं?
जवाब: इसके कई फायदे हैं। जैसे-
- इसके माध्यम से सरकार एक गिनती कर लेती है कि कितने यात्री किस दिन यात्रा कर रहे हैं। इससे आप सरकार की निगरानी में भी रहते हैं। जिससे कहीं पर भी अगर कोई परेशानी होती है तो आपसे संपर्क कर सकती है।
- जिस दिन आपकी यात्रा पूरी हो जाती है आपको इसके लिए एक सर्टिफिकेट मिलता है।
- कुछ राज्यों में चारधाम यात्रा करने पर सब्सिडी मिलती है, जिसे आप रजिस्ट्रेशन स्लिप और सर्टिफिकेट दिखा कर ले सकते हैं।
सवाल: चारधाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन करवाने में कितने पैसे लगेंगे?
जवाब: आपको कोई पैसे इसके लिए नहीं देने होंगे।
सवाल: चारधाम यात्रा के लिए कौन-कौन से डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी?
जवाब: आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो और जो लोग पहले से बीमार है उनके लिए हेल्थ सर्टिफिकेट।
सवाल: रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होगा या फिर ऑफलाइन?
जवाब: केदारनाथ के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
सवाल: रजिस्ट्रेशन कराने का तरीका क्या है?
जवाब: आपके पास ये पांच ऑप्शन हैं…
- ऑनलाइन: touristcare.uk.gov.in पर क्लिक कर रजिस्ट्रेशन करवाएं।
- टेक्स्ट मैसेज या वॉट्सऐप: मोबाइल नंबर +918394833833 पर Yatra टाइप करके सेंड करना होगा।
- टोल फ्री नंबर: 01351364 के जरिए भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
- ऐप: Tourist Care Uttarakhand नाम के ऐप को गूगल प्ले स्टोर से इंस्टॉल कर सकते है। इससे भी यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
- ऑफलाइन: अलग–अलग चेक पॉइंट पर पहुंचकर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होता है। फिर स्लॉट के आधार पर आपको दर्शन करने की तारीख मिलती है। डिटेल आगे खबर में दी गई है।
सवाल: कुछ यात्रियों को शिकायत है कि उनका रजिस्ट्रेशन वेबसाइट पर भी नहीं हो पा रहा है, तो ऐसे में कैसे करें रजिस्ट्रेशन?
जवाब: ऐसे लोगों की मदद के लिए उत्तराखंड विकास परिषद ने एक कॉल सेंटर शुरू किया है। टोल फ्री नंबर पर कॉल कर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
यात्री टोल फ्री नंबर
- 1364
- 0135
इनमें से किसी एक नंबर पर कॉल करके अपना रजिस्ट्रेशन कराएं।
सवाल: क्या कोई भी चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकता है?
जवाब: नहीं, तीर्थयात्री की सेहत और उम्र को ध्यान में रखकर कुछ क्राइटेरिया तय होते हैं, जिनके आधार पर ही वह रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
- 6 हफ्ते से ज्यादा की प्रेग्नेंट महिलाएं।
- 13 साल से कम उम्र के बच्चे।
- 75 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग।
सवाल: रजिस्ट्रेशन करा तो लें, पर ये कहीं चेक भी होते हैं क्या?
जवाब: क्यों नहीं, बिल्कुल चेक होते हैं। चारधाम मंदिरों के अलग-अलग चेक पॉइंट हैं-
- यमुनोत्री: बड़कोट
- गंगोत्री: हिना
- केदारनाथ: सोनप्रयाग
- बद्रीनाथ: पांडुकेश्वर
सारे चेक पाॅइंट पर आपको रजिस्ट्रेशन दिखाना होगा। इसके बाद ही आगे की यात्रा पूरी कर सकते हैं।
यही आपको मंदिर में दर्शन करने के लिए टोकन मिलेगा। जिसमें दर्शन करने की टाइमिंग लिखी होगी। उसी टाइमिंग में आपको दर्शन करना होगा।
सवाल: निजी कार और कमर्शियल वाहन का भी क्या रजिस्ट्रेशन करवाना होगा?
जवाब: अगर आप अपनी गाड़ी जैसे कार, ट्रैवलर बस से यात्रा करना चाहते हैं तो आपको रजिस्ट्रेशन करते वक्त गाड़ी की डिटेल भरनी होगी। जिससे आपकी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी हो जाएगा।
अगर आप कमर्शियल गाड़ी जैसे मिनी बस, बुलेरो से जा रहे हैं तो रजिस्ट्रेशन करते समय उसी ऑप्शन पर क्लिक करके बताना होगा।
सवाल: बूढ़े या जिन लोगों को चलने में दिक्कत है उनके लिए चढ़ाई की क्या कोई सुविधा है?
जवाब: हां है। उनके लिए पालकी, घोड़ा और पिट्ठू भी उपलब्ध है। जिसमें आपको सुविधा हो, आप उससे यात्रा तय कर सकते हैं।
ध्यान दें: जिस घोड़ा चालक या पिट्ठू वाले को बुक करें, उसकी आईडी जरूर चेक करें।
सवाल: चारधाम यात्रा के दौरान कौन सी दवाइयां ले जाना जरूरी है?
जवाब: आप अगर किसी बीमारी की दवा खाते हैं तो उसे जरूर अपने साथ यात्रा के दिनों के हिसाब से रख लें। इससे साथ ही सर्दी, खांसी, बुखार और पेट दर्द की दवा भी रखें। बाम, पेन रिलीफ स्प्रे भी रख सकते हैं।
इसके अलावा अपने साथ कपूर रख सकते हैं। इससे थकान या सांस लेने में दिक्कत नहीं होगी।
अगर सांस के पेशेंट हैं तो अपने साथ छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर भी रख सकते हैं।
सवाल: उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान किस तरह के कपड़े लेकर जाना चाहिए?
जवाब: सबसे पहले बहुत ज्यादा सामान अपने सूटकेस में कैरी न करें। अगर अपनी कार से जा रहे है तो ट्रॉली बैग लेकर जाएं। अगर बस या टैक्सी से धाम घूमने निकले हैं तो ट्रॉली बैग ले जाने से बचें।
एक बैगपैक जरूर रखें इससे चढ़ाई करते वक्त जरूरी सामान रखने में सुविधा होगी। इस यात्रा पर आप गर्मी के साथ सर्दी के भी कपड़े रखें। महिलाएं साड़ी की जगह सूट प्रिफर करें।
सवाल: यात्रा के दौरान ठहरने की क्या व्यवस्था है?
जवाब: सभी धामों में मंदिर के बाहर कई आश्रम, धर्मशाला, लॉज, होटल हैं। जिन्हें आप अपने बजट और उपलब्धता के अनुसार चुन सकते हैं।
यात्रा शुरू होने से पहले ही ठहरने की बुकिंग करा लेना अच्छा होता है। इससे आपको यात्रा के दौरान आराम रहता है।
इसके अलावा कम पैसों में रुकने के लिए टेंट की सुविधा भी है।
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