सिंगल चाइल्ड को अक्सर करना पड़ता है इन चुनौतियों का सामना
5 Problems of Single Child : शहरी क्षेत्र में अमूमन कपल्स अपनी छोटी सी फैमिली ही चाहते हैं। आज के समय में कपल्स अपनी फैमिली शुरू करने से पहले पूरी तरह से प्लानिंग करते हैं। इतना ही नहीं, वे अपने बच्चे को एक बेहतर भविष्य दे पाएं, इसलिए केवल एक ही बच्चा प्लॉन करते हैं। जिससे वे अपनी कमाई में उसे सारी खुशियां दे पाएं। हो सकता है कि एक पैरेंट के रूप में आपकी सोच काफी हद तक सही भी हो। महंगाई के इस दौर में जब लोगों की कमाई हमेशा उनके खर्चों के लिए कम ही रहती है तो ऐसे में दो बच्चों की जिम्मेदारी व खर्च उठाना काफी मुश्किल हो जाता है।
एक पैरेंट के रूप में भले ही आप अपने बच्चे को बेस्ट देना चाहते हों, लेकिन वास्तव में सिंगल चाइल्ड होने के कई नुकसान भी हो सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि सिंगल चाइल्ड को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है-
अकेलेपन का अहसास होना
जब घर में केवल एक ही बच्चा होता है तो इससे उसे अक्सर अकेलेपन का अहसास होता है। उसके पास घर में उसकी उम्र का कोई दूसरा बच्चा नहीं होता है, जिसके साथ वह खेल सके और समय बिता सके। ऐसे में बच्चा घर में अन्य सदस्यों के होते हुए भी काफी अकेला महसूस करता है। यह देखने में आता है कि ऐसे बच्चे अक्सर अपना ज्यादातर समय गैजेट्स के साथ ही बिताते हैं।
शेयरिंग करने में समस्या
अक्सर घरों में यह देखने में आता है कि बच्चे अपने सीक्रेट्स आपस में एक-दूसरे के साथ शेयर करते हैं। पैरेंट्स के फ्रेंडली होने के बाद भी वे बहुत सी बातें उन्हें नहीं बता पाते हैं। ऐसे में अगर घर में सिंगल चाइल्ड होता है तो वे अपनी बातें किसी से खुलकर शेयर नहीं कर पाते हैं।
स्वभाव से बिगड़ैल होना
यह देखने में आता है कि जब घर में एक ही बच्चा होता है तो उसे सिर्फ अपने पैरेंट्स ही नहीं, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों का भी बहुत अधिक लाड़-प्यार मिलता है। अक्सर उनकी गलतियों व खराब आदतों को भी परिवार के सदस्य इग्नोर कर देते हैं। उस समय भले ही परिवारजनों को इसका नुकसान समझ में ना आए, लेकिन बाद में इससे बच्चे को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
भाई-बहन का नहीं मिलता सपोर्ट
सिंगल चाइल्ड को भले ही उसके पैरेंट्स कितना भी सपोर्ट करें, लेकिन भाई-बहन का सपोर्ट फिर भी उनके लिए काफी जरूरी होता है। दरअसल, घर से बाहर स्कूल, प्ले ग्राउंड व अन्य जगहों पर वे अपने भाई-बहन के साथ जाते हैं और वे उनके लिए एक प्रोटेक्टिव शील्ड की तरह होते हैं। लेकिन जब सिंगल चाइल्ड होता है तो ऐसे में उसे वह सपोर्ट नहीं मिल पाता है और इस व जह से कई बार सिचुएशन काफी मुश्किल हो जाती है।
उम्मीदों के बोझ तले दबना
सिंगल चाइल्ड के लिए सबसे बड़ा चैलेंज यह होता है कि वह अक्सर अपने पैरेंट्स की उम्मीदों के बोझ के नीचे खुद को दबा हुआ महसूस करते हैं। चूंकि पैरेंट्स का एक ही बच्चा होता है, इसलिए उनकी उम्मीदें बच्चे से बहुत अधिक होती है। ऐसे में बच्चे की पूरी लाइफ ही काफी चैलेंजिंग हो जाती है। बहुत अधिक उम्मीदें कहीं ना कहीं उसे मन ही मन निराश करती हैं।
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