Don't You Like Yourself
You Are on the Path of Development if These Five Qualities Have Come in You : ऐसे कितने काम हैं, जो आप पिछले साल इसी महीने में आज के दिन नहीं कर पाते थे? थोड़ा ध्यान से सोचना पड़ेगा, क्योंकि हम अक्सर अपने हुनर का हिसाब नहीं रख पाते। सीखा हुआ हुनर नहीं, अनुभूत हुनर। पढ़िए और सोचिए।
You Are on the Path of Development if These Five Qualities Have Come in You
आगे की राह कितनी स्पष्ट हुई है, गति और चाल दुरुस्त है या नहीं, इसकी सही जांच करने के लिए कई बार दो क़दम पीछे हटकर देख लेना मददगार होता है। थमकर, सोचिए, देखिए और बताइए कि क्या आपने पिछले कुछ दिनों में ये अनुभव किए हैं-

आप अपने तीन महीने पहले के चेहरे को नहीं पहचानते

आसानी से समझा जा सकता है कि अगर आपका व्यक्तित्व सकारात्मक रूप से बदल चुका है, लोग आपसे मिलकर, दो मिनट चुप रहकर फिर कहते हैं, ‘कुछ तो बदला है तुममें। अच्छा लगा।’ तो समझ लीजिए कि आप व्यक्तित्व विकास की डगर पर सही गति से आगे बढ़ रहे हैं।

आप अपने आपको प्रयोग करने वालों की तरफ़ पाते हैं

सही-ग़लत पर चिह्न लगाते लोग डिब्बे में बंद रहकर सोचते हैं। मार्क ट्वेन ने इस बारे में कहा है कि अगर आप ख़ुद को बहुमत की तरफ़ देखें तो एक बार विचार ज़रूर करें। जो सब करते हैं, वहीं हम भी करें, तो नतीजे अलग कैसे होंगे। कुछ नया करने के लिए, नई पहल करने वाला दृष्टिकोण सबसे पहले चाहिए।

आपको राहों से प्यार हो चुका है

मंज़िल पर पहुंचकर क्या हासिल होगा, क्या जाने। राह के आनंद की बात ही कुछ और है। ज्ञान किसे पूरा मिला है। इसके हासिल की राहें बेहद दिलचस्प होती हैं। ढेर सारे लोगों से बातें, किताबें, ख़बरें, साइट्स- कितना कुछ है जानने-समझने को। फिर कहीं पहुंचने, ठहरने के बारे में क्या सोचना। चलते रहना, बढ़ते रहना है।

आपको असफलता से ज़्यादा अफ़सोस खलता है

दोस्तों ने चार दिन की यात्रा का कार्यक्रम बनाया। आपको बजट बताया, कुछ महंगा-सा लगा, लेकिन कई दिनों की तमन्ना जहां जाने की थी, वो पूरी होने वाली थी। पैसे फिर बचा लेंगे, थोड़ा वक़्त लगेगा लेकिन साध तो पूरी करनी ही है, यह सोचकर आपने यात्रा के अफ़सोस को बचा लिया।

आपको प्रतिस्पर्धा एक आंख नहीं सुहाती

जब आप किसी प्रतिस्पर्धा में होते हैं, तो तुलना लाज़मी है। तुलना एक तरह की वो होड़ है, जहां आपको अपने खेल के नियम-क़ायदे किसी और के हिसाब से बार-बार बदलने को मजबूर करती है। चूहादौड़ में शामिल हुए, तो क्या कहलाए- चूहे ही! अपने नियमों पर चलें, तो आश्वस्त चाल कहलाएगी।

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