सबसे पहले किसने रखा था हरियाली तीज का व्रत?
Hariyali Teej 2023 Who Did First Vrat : सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है।
सावन की हरियाली तीज का महत्व और भी अधिक मान्य है क्योंकि यह माह भी शिव जी का होता है और तीज की पूजा भी शिव जी की है।ऐसे में सावन की हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन के सभी सुख व्यक्ति को प्राप्त होते हैं।आज के समय में तो हरियाली तीज सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत शुभ मानी जाती है इसलिए महिलाओं द्वारा इसका व्रत पालन किया जाता है।
मगर आज हम आपको ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार हरियाली तीज की शुरुआत से जुड़ी कथा बताने जा रहे हैं।
माता पार्वती ने रखा था पहला हरियाली तीज का व्रत
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज का पहले व्रत माता पार्वती ने शिव जी के लिए रखा था।
- यह व्रत माता पार्वती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए तब रखा था जब वह कुंवारी कन्या थीं।
भगवान शिव ने दिया था हरियाली तीज पर माता को वरदान
- मान्यता है कि जब माता पार्वती ने शिव जी के लिए यह व्रत रखा था तब शिव जी ने उन्हें दर्शन दिए थे।
- भगवान शिव ने माता पार्वती को इस व्रत से प्रसन्न होकर पत्नी रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया था।
माता पार्वती और शिव जी ने चलाई हरियाली तीज की रीत
- मान्यता है कि जब माता पार्वती को वरदान मिला था तब उन्होंने मन ही मन इस व्रत को रीत में लाने का सोचा।
- पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने शिव जी से विवाह के बाद भी इस व्रत को करना जारी रखा था।
मां गंगा ने लोगों तक पहुंचाई हरियाली तीज की महत्ता
- माता पार्वती ने मां गंगा को महिलाओं तक इस तीज का महत्व पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
- मां गंगा के माध्यम से ही हरियाली तीज के व्रत रखने और पूजा की रीत धरती पर शुरू हुई।
ऐसे शुरू हुई थी हरियाली तीज की पूजा और इन्होनें रखा था पहला हरियाली तीज का व्रत। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें Jyoti Patrika से।
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