7 मई को NEET का एग्जाम:तनाव करेगा रिजल्ट खराब, कॉम्पिटिटिव एग्जाम के पहले फॉलो करें 7 ट्रिक्स
NEET exam on May : follow 7 tricks before competitive exam : नीट का एग्जाम 7 मई को है। इस साल परीक्षा में 20 लाख के करीब कैंडिडेट के शामिल होने की उम्मीद है। नीट के अलावा और भी कई एंट्रेस और कॉम्पिटिटिव एग्जाम जैसे SSC, TET, सीमैट की भी डेट आ गई है।
एग्जाम की डेट जैसे-जैसे नजदीक आती है स्टूडेंट्स में घबराहट यानी एंग्जाइटी बढ़ने लगती है। लगभग पूरी तैयारी होने के बाद भी परीक्षा से पहले वो हड़बड़ा जाते हैं। उनके मन में निगेटिव बातें आने लगती हैं।जिसका डायरेक्ट असर एग्जाम के रिजल्ट्स पर पड़ता है।
आज जरूरत की खबरमें हम बात करेंगे डॉ.ऋषिगौतमसे। येअमेरिकाकेजॉर्जवाशिंगटनयूनिर्वसिटी में असिस्टेंटप्रोफेसरऔरमेंटलहेल्थएक्सपर्टहैं। सबसे पहले जानते हैं कि कम समय में एग्जाम के लिए खुद को कैसे तैयार करें।
1. सबसे पहले सिलेबस को समझें
नीट यूजी हो या फिर कोई अन्य परीक्षा, अभ्यर्थियों को सबसे पहले सिलेबस को समझना चाहिए। क्योंकि सिलेबस समझने की वजह से तैयारी सही दिशा में और अच्छे से होती है। अगर सिलेबस नहीं पता होगा तो तैयारी सही दिशा में नहीं हो पाती है। साथ ही कन्फ्यूजन भी बना रहता है कि क्या पढ़ें और क्या न पढ़ें?
2. अच्छी किताबों से करें तैयारी
3. पिछले वर्षों के पेपर का एनालिसिस करें और मॉक टेस्ट भी दें
4. परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों की भी लें सलाह
5. स्पीड पर ध्यान दें और खुद की तुलना न करें
6. नियमित रूप से करें पढ़ाई और रिवीजन
नीट यूजी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को नियमित रूप से पढ़ाई करनी चाहिए। साथ ही पूर्व में पढ़े टॉपिक को भी समय-समय पर दोहराना चाहिए। ऐसा करने से हम पुराने टॉपिक को नहीं भूलेंगे।
7. फॉर्मूलों पर करें ज्यादा फोकस
सवाल: एग्जाम टाइम का रूटीन कैसे सेट करें?
जवाब: इसके लिए आपको एग्जाम के एक हफ्ते पहले से तैयारी करनी होगी।
मान लीजिए, आपका एग्जाम एक हफ्ते बाद दोपहर 2 बजे है। एक हफ्ते पहले से आप दोपहर में 2 बजे पढ़ने-लिखने या मॉक टेस्ट देने की प्रैक्टिस कर सकते हैं।
2 बजे दोपहर में अगर सोने की आदत है तो उसे चेंज कर लें। नहीं तो डेली रूटीन के हिसाब से एग्जाम देते टाइम आपको नींद आएगी।
सवाल: एग्जाम के समय मेंटल हेल्थ पर ध्यान देना क्यों जरूरी होता है?
जवाब: एग्जाम के समय में कॉन्सन्ट्रेशन, याददाश्त और अटैंशन को बनाए रखने के लिए मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना जरूरी होता है।अगर आप मेंटली फ्रेश हैं तो एग्जाम के दौरान जवाब लिखने में आपको दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं डालना पड़ता है।
सवाल: मेंटल हेल्थ से जुड़ी किस तरह की प्रॉब्लम स्टूडेंट्स में आमतौर पर देखने को मिलती है?
जवाब:डॉ. प्रीतेश गौतम ने बताया कि स्टूडेंट्स को कई तरह की प्रॉब्लम होती हैं। जिनमें स्टूडेंट्स को तरह-तरह का डर लगा रहता है जैसे-
- बहुत पढ़ाई कर ली है लेकिन ऐसा लग रहा है कि एग्जाम में लिखते समय कहीं सब भूल न जाऊं।
- एग्जाम देते समय कहीं मेरी तबीयत न खराब हो जाए।
- पेपर मिलते ही हाथ कंपकंपाने लगते हैं, पसीना आने लगता है।
ये सब एंग्जाइटी की वजह से होता है।
सवाल: एग्जाम के समय एंग्जाइटी होने के कारण क्या हो सकते हैं?
जवाब:
- अच्छा परफॉर्म न कर पाने का डर।
- पहले किसी कॉम्पिटिटिव एग्जाम में फेल हो गए हो तब।
- एग्जाम के पहले किसी वजह से तैयारी अच्छी नहीं हो पाई।
- घरवालों की तरफ से हाई-स्कोर का एक्स्ट्रा प्रेशर हो।
- खुद ही अपने किसी दोस्त या भाई-बहन से कॉम्पिटिशन कर रखा हो।
सवाल: कॉम्पिटिटिव और एंट्रेस एग्जाम की तैयारी करने का सही तरीका क्या है?
जवाब:कॉम्पिटिशन हर दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में स्टूडेंट्स के लिए कॉम्पिटिटिव और एंट्रेस एग्जाम को पास करना काफी मुश्किल होता जा रहा है। स्टूडेंट्स इतने कंफ्यूज रहते हैं कि उन्हें समझ नहीं आता कि कहां से तैयारी शुरू करें। ऐसे में…
आपकीइससमस्याको5पाइंट्ससेदूरकरतेहैं…
- होने वाले एग्जाम के सिलेबस की जानकारी पूरी रखें।
- पुराने पेपर को एग्जाम टाइमिंग और पैटर्न के हिसाब से सॉल्व करें।
- पूरा चैप्टर पढ़ने की बजाय, उसका यूजफुल मैटर ही पढ़ें।
- यूनिट या टॉपिक्स को छोटे-छोटे पार्ट में बांटकर पढ़ें।
- थोड़ी-थोड़ी देर का ब्रेक लेकर पढ़ाई करें।
सवाल: एग्जाम टाइम हेल्थ का ध्यान रखने के लिए क्या खाएं-पिएं?
जवाब:एग्जाम के टाइम में पढ़ाई जितनी जरूरी होती है, उतना ही खानपान और लाइफस्टाइल पर भी ध्यान देना जरूरी होता है।
इस दौरान एक बार में खूब सारा खाना यानी पेटभर खाना न खाएं। इससे आलस आने लगता है और पढ़ाई के वक्त नींद आती है। इसके साथ ही रात में जल्दी खाना खाएं।
फूड एक्सपर्ट और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.शुभांगीनिगमके मुताबिक,
- घर का खाना
- मौसमी फ्रूट्स
- हरी सब्जियां जैसे- पालक, मेथी, ब्रोकोली, खीरा
- पानी खूब पिएं
- फ्रेश फ्रूट जूस, नारियल पानी
सवाल: एग्जाम टाइम पर स्टूडेंट्स चाय-कॉफी खूब पीते हैं, जिससे नींद न आएं, क्या ये करना सही होता है?
जवाब:न्यूट्रिशियनिस्टडॉ. नम्रतासहाय ने बताया कि ज्यादा चाय-कॉफी पीने से न्यूरोट्रांसमीटर पर असर पड़ता है। इससे भूख कम लगती है और डाइजेस्टिव सिस्टम में प्रॉब्लम होने लगती है। इसलिए ऐसा न करें। 2-3 कप चाय-कॉफी पी सकते हैं अगर कोई हेल्थ इश्यू नही है।
सवाल: एग्जाम टाइम में कितने देर की नींद लेना जरूरी होता है?
जवाब:कम से कम से 6 घंटे की नींद एग्जाम टाइम पर जरूर लेनी चाहिए। जिससे माइंड फ्रेश रह सके। इससे आप अपनी पढ़ाई पर फोकस कर पाएंगे। जो आपने पढ़ाई की है वो लंबे समय तक याद रहेगी।
सवाल: रात में देर तक पढ़ाई करना कितना सही होता है?
जवाब:रात में देर तक पढ़ाई करना सबके लिए कंफर्टेबल नहीं होता है। ये उन्हीं के लिए सही होता है, जिन्हें रात में पढ़ने से सिरदर्द, चिड़चिड़ापन जैसी प्रॉब्लम नहीं होती है।
रात में पढ़ाई करने के पीछे ये लॉजिक होते हैं-
- दिमाग इधर-उधर भागता नही है।
- शोर-शराबा नहीं होता है।
- सोशल गैदरिंग नहीं हो पाती।
- सोशल नेटवर्क कम एक्टिव होंगे।
- बीच-बीच में डिस्टरबेंस नहीं होता।
सवाल: कुछ स्टूडेंट को एग्जाम पेपर में 1-2 सवालों का जवाब नहीं आने पर घबराहट होने लगती है और वे उसी में फंसे रह जाते हैं। इस परेशानी से निकलने के लिए क्या करना चाहिए?
जवाब: ये तो नेचुरल है। ऐसा जरूरी नहीं होता है कि हर बार पूरा पेपर पढ़ा हुआ ही आए या फिर सब कुछ आपको उसी समय याद ही आ जाए।
ऐसी सिचुएशन में जितने सवालों का जवाब आ रहा है उसे पहले सॉल्व करें। जैसे-जैसे आप पेपर सॉल्व करते जाएंगे, वैसे-वैसे आपको जो नहीं भी आ रहा होगा, उसका भी कुछ भाग याद आने लगेगा।
सवाल नहीं आ रहा, अब क्या करें यह सोचकर अपना समय बर्बाद न करें।
एग्जाम के टाइम पेरेंट्स के लिए कुछ पेरेंटिंग टिप्स : NEET exam on May : follow 7 tricks before competitive exam
अपने बच्चे पर भरोसा करें:
- ‘कॉम्पिटेटिव एग्जाम है, एंट्रेस एग्जाम है इसलिए पढ़ो-पढ़ो,’ यह दवाब न डालें।
- हर समय किसी न किसी बात के लिए टोकते नहीं रहें, बच्चे की यह छवि न बनाएं कि उसे कुछ नहीं आता है।
बच्चों की प्रॉब्लम समझें
- पढ़ाई और एग्जाम की तैयारी के बीच में स्टूडेंट्स के सामने कई तरह के चैलेंज, कॉम्पिटिशन, प्रेशर और कंफ्यूजन रहती है। पेरेंट हर कंडीशन में अपने बच्चों का साथ दें।
- बच्चे को क्या करना है क्या नहीं, किसमें इंट्रेस्ट है जाने, उन्हें मेंटली स्ट्रॉन्ग करें।
बच्चों के साथ समय बिताना
- घर-ऑफिस आप कहीं भी कितने भी बिजी हों, लेकिन अपने बच्चों के लिए टाइम जरूर निकालें।
- हर सिचुएशन में आप साथ है इसका अहसास कराएं। इससे बच्चों और आप के बीच में अच्छी बॉन्डिंग रहती है। स्ट्रेस और प्रेशर भी कम हो जाएगा।
मोटिवेशन से बनेगी बात
- बच्चों को कमजोर न समझें। दूसरों से उनकी तुलना न करें। एग्जाम में हाई-स्कोर और टॉप करने का प्रेशर न डालें।
- हर बच्चा अलग होता है और सबकी कैपिबिलिटी भी दूसरे से अलग होती है। ऐसे में अपने बच्चे को हमेशा प्रेरणात्मक स्टोरी बताएं।
लाइफस्टाइल मेंटेन करें
- बच्चों को हेल्दी और टेंशन फ्री रखने के लिए उन्हें रोजाना एक्सरसाइज, योग और खेलने की फ्रीडम दें।
- एग्जाम टाइम में आधे से एक घंटा उन्हें खेलने या रेस्ट करने के लिए जरूर दें। इससे बच्चों में पॉजिटिव एनर्जी तो आएगी ही, साथ स्ट्रेंथ भी बढ़ेगी।
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