What to do if You Get Dengue in Pregnancy

Dengue In Pregnancy: प्रेगनेंसी की शुरुआत में डेंगू हो जाए तो क्‍या करें? डॉक्‍टर से जानिए हर छोटी से छोटी बात का जवाब

What to do if You Get Dengue in Pregnancy : इन दिनों डेंगू का बुखार (Dengue Fever) चरम पर है। देश की राजधानी दिल्‍ली से लेकर हर बड़े-छोटे शहरों में डेंगू का आतंक है। मध्‍य प्रदेश के इंदौर शहर में युवाओं और व्‍यस्‍कों के बाद छोटे बच्‍चे में डेंगू का बुखार (Dengue Fever in Children) तेजी से फैल रहा है। हालात ये हैं कि 15 साल से छोटे बच्‍चों में डेंगू के केस कई गुना तक बढ़ गए हैं। वहीं, उत्‍तर प्रदेश के कई जिलों में गर्भवती महिलाएं डेंगू बुखार (Dengue Fever in Pregnancy) से संक्रमित हो रही हैं। एक्‍सपर्ट का कहना है कि यदि प्रेगनेंसी में डेंगू का बुखार होता है तो मां के साथ साथ बच्‍चा भी प्रभावित हो सकता है।

What to do if You Get Dengue in Pregnancy

प्रेगनेंसी में डेंगू कितना खतरनाक है (How Dengue is dangerous in Pregnancy), प्रेगनेंसी में डेंगू के लक्षण कैसे दिखते हैं (Dengue Symptoms in Pregnancy), प्रेगनेंसी में डेंगू हो जाए तो क्‍या करें (What to do if dengue occurs during Pregnancy), क्‍या डेंगू से संक्रमित महिला शिशु को दूध पिला सकती है या नहीं (Can a dengue infected woman breastfeed to her baby or not) और प्‍लेटलेट्स काउंट बढ़ाने के लिए कौन से घरेलू उपचार (Home Remedies to increase platelets count) अपनाने चाहिए, जैसे जरूरी सवालों का जवाब जानने के लिए हमने महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्‍टर अर्चना निरुला (Dr. Archana Nirula – Obstetrician and Gynaecologist, Director, Corporate Health and wellness at TATA 1MG) से खास बातचीत की है। आइए जानते हैं डॉक्‍टर अर्चना निरुला से कि अगर प्रेगनेंसी में डेंगू हो जाए तो क्‍या करना चाहिए और क्‍या नहीं?

What to do if You Get Dengue in Pregnancy
What to do if You Get Dengue in Pregnancy

Question- प्रेगनेंसी में डेंगू का बुखार कितना खतरनाक है?

Answer- प्रेगनेंसी में डेंगू होने पर मां के साथ-साथ शिशु को भी कई तरह के नुकसान होने का डर रहता है। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं की इम्‍युनिटी कमजोर होती है और वो संक्रमण से लड़ पाने में कमजोर हो जाती है जिस वजह से अगर इस दौरान डेंगू का बुखार होता है तो एक आम महिला की तुलना में गर्भवती डेंगू के गंभीर लक्षणों का सामना कर सकती है।

Question- प्रेगनेंसी में दूसरे या तीसरे महीने में डेंगू हो जाए तो क्‍या होगा?

Answer- अगर प्रेगनेंसी के दूसरे या तीसरी महीने में डेंगू हो जाए तो मिसकैरेज का खतरा रहता है। लेकिन हां, डेंगू से संक्रमित गर्भवती से शिशु के विकास में किसी तरह की बाधा नहीं आती है। जीका वायरस की तरह डेंगू के बुखार से बच्‍चे का शारीरिक या मानसिक विकास प्रभावित नहीं होता है।

Question- प्रेगनेंसी में डेंगू के लक्षण कैसे दिखते हैं?

Answer- डेंगू के कॉमन लक्षण जैसे कि बुखार, सिर में दर्द, रैशेज, शरीर में दर्द, आंखों के पीछे दर्द होना और प्‍लेटलेट्स का तेजी से कम होना जैसे लक्षण ही प्रेगनेंसी में दिखते हैं लेकिन गर्भवती में ये ज्‍यादा गंभीर हो सकते हैं। डेंगू का असर बच्‍चे में कई तरह से दिख सकता है जैसे कि जन्‍म के समय वजन कम होना (Low Birth Weight), समय से पहले पैदा होना जिसे प्रिमेच्‍योर डिलीवरी (Premature Delivery) कहते हैं और यूट्रस में ही बच्‍चे की मौत भी हो सकती है।

Question- प्रेगनेंसी में डेंगू से बचने के लिए क्‍या करें?

Answer- ऐसी जगह जाने से बचें जहां पर डेंगू का बुखार फैला हुआ है। इसके अलावा ऐसी जगह जहां जल जमाव है, कीचड़ है और मच्‍छरों का ज्‍यादा आतंक है, जानें से बचें नहीं तो संक्रमित मच्‍छर आपको काटकर डेंगू बुखार का मरीज बना सकता है। अगर किसी कारण से आपको ऐसी जगह जाना पड़ रहा है या आपका घर है तो पूरे बाजू के कपड़े पहनें, मच्‍छरदानी का प्रयोग करें और खुद को ज्‍यादा से ज्‍यादा सुरक्षित रखें।

Question- डेंगू बुखार में मां अपने शिशु को दूध पिला सकते हैं?

Answer- अगर डिलीवरी के बाद मां को डेंगू होता है तो ब्रेस्‍टफीडिंग कराने में कोई दिक्‍कत नहीं है। यानि मां बच्‍चे को आसानी से दूध पिला सकती है। डॉक्‍टर कहती हैं कि बल्कि हम मां को बच्‍चे को दूध पिलाने की सलाह देते हैं क्‍योंकि इससे दूध में मौजूद एंटीबॉडीज बच्‍चे को इंफेक्‍शन से बचाते हैं।

Question- प्रेगनेंसी में डेंगू का बुखार होने पर कौन सी दवा लें?

Answer- डॉक्‍टर कहती हैं कि प्रेगनेंसी में डेंगू में बुखार होने पर अपनी मर्जी से कोई दवा न लें। बुखार की शिकायत होने पर तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करें और उनकी सलाह पर ही कोई दवा लें। हालांकि डॉक्‍टर के अनुसार पैरासिटामॉलली जा सकती है लेकिन फिर भी डॉक्‍टर के कहने पर ही कोई दवा लें, नहीं तो साइड इफेक्‍ट होने का डर रहता है। जल्‍दी रिकवरी के लिए खुद को हाइड्रेट रखें। इसके लिए नारियल पानी, छाछ, जूस, दूध और पानी आदि पीते रहें।

Question- प्‍लेटलेट्स बढ़ाने के लिए कौन से घरेलू उपचार अपनाएं?

Answer- गिलोय का काढ़ा, कीवी और पपीते के पत्‍ते का जूस आदि प्‍लेटलेट्स काउंट को जल्‍दी बढ़ाने में मदद करते हैं।

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