Why Earthen Karwa Used in Karwa Chauth Puja 2023

Karwa Chauth 2023: करवा चौथ की पूजा में मिट्टी के करवे का क्यों किया जाता है प्रयोग? जानें क्या है मान्यता

Why Earthen Karwa Used in Karwa Chauth Puja 2023 :  सनातन धर्म में करवा चौथ का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और पूजा-पाठ करती हैं। इस दिन रात्रि में चांद की पूजा करने का भी महत्व है।

व्रती महिलाएं चांद की पूजा करने के बाद ही व्रत को तोड़ती हैं। बता दें, इस साल करवा चौथ का पर्व दिनांक 01 नवंबर को है। ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ के दिन पूजा में मिट्टी के करवे का प्रयोग करना चाहिए। यह बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है।

आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि करवा चौथ के दिन मिट्टी के ही करवा का प्रयोग क्यों किया जाता है। इसकी मान्यता क्या है।

जानें करवा चौथ का क्या है अर्थ?

Why Earthen Karwa Used in Karwa Chauth Puja 2023

करवा का अर्थ मिट्टी का बर्तन है। चौथ का अर्थ चतुर्थी से है। इस दिन शाम को चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही पति-पत्नी को मिट्टी के बर्तन से पानी पिलाकर व्रत खुलवाता है। यह बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। करवे के बिना करवा चौथ की पूजा अधूरी मानी जाती है।

करवा है पंच तत्वों का प्रतीक 

करवा पंच तत्वों का प्रतीक माना जाता है। मिट्टी के करवा में पांच तत्व होते हैं, जैसे कि जल, मिट्टी, अग्नि, आकाश, वायु। जिससे व्यक्ति का शरीर भी बना है। करवा में मिट्टी और मिलाया जाता है। पानी में मिट्टी को गलाकर करवा बनाया जाता है। यह भूमि और जल तत्व का प्रतीक है।

उसके बाद इसे धूप और हवा से सुखाकर तैयार किया जाता है। पश्चात आग में पकाया जाता है। हमारी संस्कृति में पानी को परम ब्रह्म माना गया है। सभी जीवों की उत्पत्ति यहीं से हुई है। इसलिए मिट्टी के करवे से पानी पिलाकर ही पति अपनी पत्नी का व्रत खोलें। यह पंच तत्व और परमात्मा दोनों को साक्षी बनाकर दांपत्य जीवन में सुखी बनाने की कामना करते हैं। साथ ही मिट्टी के बर्तन से पानी पीने से स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।

करवा में जरूर रखें ये चीजें

Why Earthen Karwa Used in Karwa Chauth Puja 2023

करवा चौथ की पूजा में करवे के अंदर पानी में दूध, चांदी या तांबे का सिक्का, गेहूं और रोली आदि रखें। इससे अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

करवा का पौराणिक महत्व 

पौराणिक कथा के अनुसार माता सीता और द्रौपदी ने भी मिट्टी के करवे से करवा चौथ का व्रत तोड़ा था। इसलिए मिट्टी के करवा का ही प्रयोग करें।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें Jyoti Patrika से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Read This Also : Karwa Chauth 2023 Different Rituals And Traditions

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *