Sawan Shivratri 2023: Vidhi, Jal Abhishek Time

Sawan Shivratri 2023: सावन की शिवरात्रि पर इस विधि और शुभ मुहूर्त में करें जलाभिषेक

Sawan Shivratri 2023: Vidhi, Jal Abhishek Time

Sawan Shivratri 2023: Vidhi, Jal Abhishek Time : सावन माह की शिवरात्रि 15 जुलाई, दिन शनिवार को पड़ रही है।
सावन की शिवरात्रि का बहुत महत्व माना जाता है।इस दिन शिवलिंग की विशेष पूजा करने से जीवन के दुख दूर होते हैं और सुख प्राप्त होते हैं।
ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि किस विधि से करें इस दिन शिवलिंग पूजा और क्या है जलाभिषेक करने का सही समय।

सावन शिवरात्रि 2023 पूजा विधि : Sawan Shivratri 2023: Vidhi, Jal Abhishek Time

Sawan Shivratri 2023: Vidhi, Jal Abhishek Time

  • सावन की शिवरात्रि के दिन उबह स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
  • फिर तांबे के लोटे में दूध, दही, बूरा, शहद और घी मिलाएं।
  • इसके बाद पंचामृत से शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें।
  • भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें।
  • अक्षत, पुष्प, चंदन, भांग आदि भी चढ़ाएं।
  • भगवान शिव को सफेद मीठी चीज का भोग लगाएं।
  • चीनी, सफेद मिठाई आदि का भोग लगा सकते हैं।
  • शिवलिंग के समक्ष दीपक जलाएं।
  • ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • शिव चालीसा का पाठ करना न भूलें।
  • भगवान शिव की आरती उतारें।
  • ध्यान रहे कि शिवलिंग पर चढ़ाया भोग न खाएं।
  • भगवान शिव को भोग लगाने के बाद इसे गाय को खिलाएं।

सावन शिवरात्रि 2023 जलाभिषेक समय : Sawan Shivratri 2023: Vidhi, Jal Abhishek Time

Sawan Shivratri 2023: Vidhi, Jal Abhishek Time

  • सावन शिवरात्रि पर चारों प्रहर में चार विशेष समयों का संयोग बन रहा है।
  • इसी शुभ योग में शिवलिंग का जलाभिषेक करना लाभकारी सिद्ध होगा।
  • सुबह जलाभिषेक का पहला समय: 7 बजकर 21 मिनट से 9 बजकर 54 मिनट
  • सुबह जलाभिषेक का दूसरा समय: 10 बजे से 12 बजकर 27 मिनट
  • दोपहर जलाभिषेक का समय: 1 बजकर 3 मिनट से 3 बजे
  • शाम जलाभिषेक का समय: 5 बजकर 33 मिनट से 6 बजकर 12 मिनट

सावन शिवरात्रि 2023 विशेष उपाय : Sawan Shivratri 2023: Vidhi, Jal Abhishek Time

Sawan Shivratri 2023: Vidhi, Jal Abhishek Time

  • सावन की शिवरात्रि का महत्व उतना ही माना जाता है जितना महाशिवरात्रि का।
  • ऐसे में इस दिन भगवान शिव को शमी के पौधे की पत्तियां अर्पित करनी चाहिए।
  • ऐसा करने से शनि दोष नहीं लगता है और साढ़े साती-ढैय्या से राहत मिलती है।
  • एक साल में कितनी शिवरात्रि आती हैं?

    साल में कुल 12 शिवरात्रि आती हैं जिनमें महाशिवरात्रि मुख्य होती हैं।

  • सावन की शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उपलक्ष में मनाई जाती है। सावन की मासिक शिवरात्रि का विधान इसलिए है क्यों इस दिन माता पार्वती भगवान शिव शंकर के साथ विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देने हर माह पृथ्वी पर घुमती हैं।

  • आप भी इस विधि से शिवलिंग का बताये गए विशेष समय पर जलाभिषेक कर के भगवान शिव का आशीर्वाद पा सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें Jyoti Patrika से।

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